यह अलेक्सान्द्र पुश्किन की हिन्दी में दो खण्डों में प्रकाशित 'चुनी हुई रचनाएँ' का पहला खण्ड है जिसे 'काव्य-कानन' उपशीर्षक दिया गया है। पुश्किन ने छंदबद्ध कविताएँ लिखी थीं। यह अनुवाद भी छंदबद्ध है। मूल रूसी से इसके अनुवादक डॉ॰ मदनलाल 'मधु' हैं।
Notes
अलेक्सान्द्र सेर्गेयेविच पुश्किन की कविताओं का डॉ॰ मदनलाल 'मधु' द्वारा किया गया छंदबद्ध अनुवाद प्रगति प्रकाशन, मॉस्को द्वारा प्रकाशित हुआ था। सोवियत संघ के विघटन के बाद प्रगति प्रकाशन एवं रादुगा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का पुनर्मुद्रण बिल्कुल बंद हो गया और अनेक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण कृतियाँ भी मुद्रित रूप में अनुपलब्ध हो गयीं। हिन्दी भाषा एवं साहित्य के सम्मानित अध्येता एवं लेखक डॉ॰ बुद्धदेव विभाकर रचनाकार पुश्किन एवं अनुवादक डॉ॰ मदनलाल 'मधु' -- दोनों के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने ही हनी शर्मा (पीटर्सवर्ग) द्वारा तैयार यह पीडीएफ उपलब्ध करवाया और अपलोड करने को प्रेरित किया। इस रूप में अब यह सर्वजन सुलभ है।
Reviewer:Vinay Vimal
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June 5, 2022 Subject:
अत्यन्त उत्तम पुस्तक
पुश्किन की रचनाओं के अनुवाद की यह पुस्तक अत्यन्त उत्तम है। इसका पीडीएफ भी शानदार है। चुनी हुई रचनाओं का दूसरा भाग (कहानियाँ-उपन्यास) निम्नांकित लिंक पर उपलब्ध है :- https://archive.org/details/2_20220605